इश्क़ एक मर्ज़ है शिक़ायत न किया कीजिये
साथ जो चलना हो तो बस साथ चला कीजिये..
मैं तो टूट कर फिर से उसी को चाहूँगा जनाब
इस बात पर इतनी जद्दोजहद तो न कीजिये..
उन आँखों में, नूरे- महताब नज़र आता है मुझे
नाम उसके कुछ् शेर पढूँ तो शिद्दत से सुना कीजिये..
वो तो ख़्वाब है जो टूट के पल में बिखर सकता है
उसका नाम लेकर मुझको जीने की वजह दीजिये..
#सुरभि
इश्क़ एक मर्ज़ है शिक़ायत न किया कीजिये
साथ जो चलना हो तो बस साथ चला कीजिये..
मैं तो टूट कर फिर से उसी को चाहूँगा जनाब
इस बात पर इतनी जद्दोजहद तो न कीजिये..
उन आँखों में, नूरे- महताब नज़र आता है मुझे
नाम उसके कुछ् शेर पढूँ तो शिद्दत से सुना कीजिये..
वो तो ख़्वाब है जो टूट के पल में बिखर सकता है
उसका नाम लेकर मुझको जीने की वजह दीजिये..
#सुरभि