मेरे जीवन के गीतों में जो तुम आकर बस जाते मामूली से गीत वही अनमोल नहीं बन जाते........!!!!!! बस..... यहाँ से “कुछ पल मेरे अपने” अब आपको सौंपती हूँ । ये वो पल थे जिनमें मेरी पीड़ा ने मुझसे सृजन कराया । शायद इन्हीं पलों में मैं अपने होने को सार्थक बनाने की कोशिश कर रही थी सुरभि सक्सेना