बचपन की बातों को
बचपन को घातों को
हम भूल क्यों जाते है
बचपन के सपनों को
बचपन के अपनों को
हम भूल क्यों जाते हैं
जब जब लड़ते थे
हम भाई बहन देखो
तब माँ समझाती थी
माँ की उन बातियों को
हम भूल क्यों जाते हैं
नाराज़ हुए जब भी
बस यूँ मन जाते थे
कट्टी से मिट्ठी भी
बस यूँ बन जाते थे
आँखों की उन खुशियों को
हम भूल क्यों जाते हैं .....
#सुरभि